आज चुमावन सिया रघुबर के
नाऊन देत हकार हो रामा
तनी झुकी जइयो रघुबीर , सिया मेरी छोटी है
झुकल झुकल देह दुखन लागे , दुखन सारा शरीर
सिया मेरी छोटी है
तनी झुकी जइयो रघुबीर , सिया मेरी छोटी है
तुम जो हो दसरथ के बालक , हम जनक् के धी ,
सिया मेरी छोटी है |
जनकपुर हे दूल्हा आयल हे
आहे मदनमोहन छबि निरखु से
हिये बीच सुन्दर हे
माथे सोभनी मुकुट कान बीच कुण्डल हे
गले
जनकपुर हे दूल्हा आयल हे
आहे मदनमोहन छबि निरखु से
हिये बीच सुन्दर हे
बाहँ पर बाजूबंद हांथों में कनकन हे
आहे दस अंगूठी शोभे हाँथ ,सुन्दर मन लगे हे
पावों में कंकण पहिरि छुन बजे हे
आहें सुन्दर वर मन मोहि लेते हमारो हे
आहे आरती उतरी लिए सुनयना रानी , हिये बीच सुन्दर हे
है आज माँ तुम्हारा जन्मदिन
तुम क्या जानो है कितना मधुर दिन
सात समंदर पार तुम रहती
मेरे ह्रदय में हर पल तुम बस्ती
जीवन दायनी हो ,
जीवन पथ प्रदर्शक हो
जीवन के तपिश से बचती छाओं हो
गलती पे कान उमेठती माँ हो
हर पल याद आती तुम माँ हो।
प्रभु तुमको सदा कमल की भांति
हमारे जीवन के सरोवर में रखे
जननी तुमको जन्मदिन की इस बेटी के तरफ से बहुत शुभ कामना